AS101 Kundali Vigyan

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प्रश्‍न प्रश्‍न पत्र (Paper Code-AS101)
कुण्‍डली विज्ञान

  • भारतीय ज्‍योतिष के प्रथम अंगों का परिचय
  • भारतीय ज्‍योतिष के साहित्‍य का संक्षिप्‍त इतिहास – सिद्धान्‍त ज्‍योतिष के साहित्‍य का ; होरा ज्‍योतिष के साहित्‍य का ; संहिता ज्‍योतिष के साहित्‍य का ; मुहूर्त ज्‍योतिष के साहित्‍य का इतिहास; प्रश्‍न ज्‍योतिष के साहित्‍य का इतिहास एवं ताजिक के साहित्‍य का इतिहास
  • प्रमुख अवधारणाएँ : अक्षांश-रेखांश; पृथ्वी की गति; खगोल; विषुवत् वृत्त; क्रान्ति वृत्त; चक्र; राशि; नक्षत्र; नक्षत्र चरण; ग्रहों का परिचय एवं गति; ग्रहों का अस्त होना; भाव; लग्न; सम्पातों का पिछड़ना एवं अयनांश।
  • मूलभूत गणना प्रक्रियाएँ : समय की इकाइयाँ; इष्टकाल आदि प्रमुख अवधारणाएँ; घटी-पल-विपल से घण्टा-मिनट-सेकण्ड में समय परिवर्तन; इष्टकाल को और तिथि आदि के समाप्तिकाल के घटी पलात्मक मान को घण्टा-मिनट-सेकण्ड में बदलना और इसके विपरीत प्रक्रिया; ग्रहों के कोणात्मक मान की परिगणना।
  • समय के प्रकार : स्थानीय द्रष्ट समय; स्थानीय मध्यम समय; मानक समय; भारतीय मानक समय; स्थानीय समय का मानक समय में तथा मानक समय का स्थानीय समय में परिवर्तन एवं साम्पातिक काल।
  • लग्न साधन : पलभा, चरखण्ड, स्वोदयमान आदि के आधार पर लग्न साधन।
  • जन्मकालिक ग्रहस्पष्ट
  • जन्मकुण्डली निर्माण : कुण्डली का उत्तर भारतीय प्रारूप; कुण्डली का दक्षिण भारतीय प्रारूप; कुण्डली का मिथिला प्रारूप; कुण्डली का बंगाल प्रारूप; कुण्डली का उड़िया प्रारूप; जन्मकुण्डली का निर्माण; चन्द्रकुण्डली निर्माण की विधि; सूर्य कुण्डली निर्माण की विधि एवं सुदर्शन चक्र निर्माण की विधि।
  • भाव स्पष्ट : श्रीपति पद्धति से भाव स्पष्ट; भाव चलित कुण्डली निर्माण की विधि।
  • दशवर्ग : होरा; द्रेष्काण; सप्तमांश; नवमांश; दशमांश; द्वादशांश; षोडशांश; त्रिंशांश तथा षष्‍ट्यंश का निर्माण एवं दशवर्गों के उपयोग।
  • नैसर्गिक, तात्कालिक एवं पंचधा मैत्री।
  • विंशोत्तरी दशासाधन।